गुंदा के बारे में तो आप जानते ही होंगे, गुजराती लोग इसका अचार बनाकर खाते हैं। गुंदा में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर में ताकत बढ़ा सकते हैं। Cordia Myxa Benefits गुंदा के अंदर भरपूर मात्रा में कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है। गुंदा मीठा और कुछ खट्टा स्वाद के साथ चिपचिपा, भारी, टेढ़ा-मेढ़ा होता है। इसकी छाल खट्टी और कड़वी होती है। यह पचने में मीठा होने के साथ-साथ पित्तशामक और कसैला गुण वाला होता है तथा इसकी प्रकृति ठंडी होती है। तो आइए आज हम आपको गुंदा से हमारे शरीर को होने वाले Gunda Benefits फायदों के बारे में बताते हैं।
गुंदा में आर्यन भी अच्छी मात्रा में होता है जो आपके शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद करेगा। सूजे हुए अंगों पर छाल और कपूर को मिलाकर मालिश करने से सूजन और दर्द से राहत मिलती है। कई लोगों का शरीर बहुत कमजोर हो गया है। खून की कमी और इस कमजोरी को दूर करने के लिए गुंदा कलछी बनाने से शरीर में ताकत आती है और शरीर की ताकत भी बढ़ती है।
गुंदा फल की पत्तियों का उपयोग चिकन पॉक्स के कारण शरीर पर पड़े निशानों को हटाने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा अगर त्वचा पर अधिक फोड़े-फुंसियां और दांत दर्द, पेट दर्द आदि हो तो वहां गुंदा पाउडर लगाने से राहत मिलेगी। गुंदा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो मस्तिष्क को बढ़ावा देता है और शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ाने में मदद करने के लिए इसमें आयरन भी अधिक होता है। अगर नींद की समस्या है तो गुंदा पाउडर में गुड़ मिलाकर सोने से पहले खाएं, इससे आपको नींद आ जाएगी।
अगर आप शरीर में ताकत और स्फूर्ति लाना चाहते हैं तो आज से ही गुंदा खाना शुरू कर दें। इसकी छाल का काढ़ा और कपूर का मिश्रण बनाकर सूजन वाले अंगों पर मालिश करने और दाद पर लगाने से लाभ होता है। गुंदा का सेवन शरीर को मजबूत और ऊर्जावान बनाएगा।
गुंदा का फल कुष्ठ रोग में इसके पित्तनाशक गुणों को दूर करने के लिए बहुत उपयोगी होता है, इसलिए पके हुए गुंदा जड़ी को रोजाना कुष्ठ रोगियों को देने से खूनी पित्त का शमन होता है। कच्चे गुंदा का अचार और आचार भी बनाया जाता है। पके गुंदा का स्वाद बहुत मीठा होता है और इसके अंदर एक चिपचिपा तरल होता है। गुंदा मध्य भारत के जंगलों में पाया जाता है।
अगर मुंह में छाले हो गए हों तो आप गुंदा पाउडर लें और इसकी पत्तियों को चबाएं, मुंह के छाले दूर हो जाएंगे। अगर आपको खून का थक्का जम गया है तो गुंदा की कम से कम दस पत्तियों का रस पिएं, इससे खून का थक्का निकल जाएगा। पेशाब में जलन होने पर भी यह काम करता है। उल्टी की समस्या होने पर भी इस पत्ते का रस पिएं।
गुंदा का सेवन करने से किडनी की बीमारियों में भी राहत मिलती है। गुंदा गंदे लिवर की समस्या को भी दूर करता है, इसके पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर पीने से लिवर से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा इसका लेप त्वचा पर लगाने से त्वचा संबंधी रोगों से भी राहत मिलती है। चूंकि गुंदा फल कब्ज के लिए एक रेचक है, इसलिए जो लोग कब्ज से पीड़ित हैं उन्हें नियमित रूप से गुंदा का सेवन करना चाहिए। इसे सब्जी के रूप में नियमित रूप से खाने से आंतों में बलगम पैदा होता है। जिससे कब्ज की समस्या दूर होकर मल आसानी से आंत में जा सके।
गुंदा न केवल बुखार के रोगी के लिए एक पौष्टिक भोजन है बल्कि यह बुखार की गर्मी की तीव्रता को कम करके तापमान को कम करने में भी मदद करता है। इसकी छाल को पानी में घिसकर बिच्छू के डंक पर लगाने से कार्बंकल में आराम मिलता है और इसकी असहनीय सूजन कम हो जाती है और जहर का असर भी कम हो जाता है।
अगर आप पीलिया से प्रभावित हैं तो गुंदा का चूर्ण पानी के साथ पीने से पीलिया ठीक हो जाएगा। पेचिश, दस्त जैसी पेट की समस्याओं में गुंदा की छाल का काढ़ा छाछ के साथ नियमित रूप से दिन में दो बार पीने से पाचन तंत्र बेहतर होता है और आंतें मजबूत होती हैं और पुरानी पेचिश की समस्या भी जल्दी ठीक हो जाती है।
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Note :
किसी भी हेल्थ टिप्स को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले. क्योकि आपके शरीर के अनुसार क्या उचित है या कितना उचित है वो आपके डॉक्टर के अलावा कोई बेहतर नहीं जानता
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