Holi (होली) Diwali (दिवाली) की तरह Rakshabandhan (रक्षाबंधन) का त्यौहार भी महत्वपूर्ण माना जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल लीप मास होने के कारण श्रावण मास दो महीने का हो गया जो 31 अगस्त 2023 को समाप्त हो रहा है। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन यानी 30 अगस्त या 31 अगस्त को मनाया जा रहा है।
रक्षाबंधन के दिन भद्रा होने के कारण राखी बांधने का शुभ समय 30 अगस्त को रात 9:02 बजे से अगले दिन सुबह 7:05 बजे तक रहेगा। जिन लोगों का कोई भाई नहीं है उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है, ज्योतिषी बता रहे हैं कि जिन बहनों का कोई भाई नहीं है वे किसको राखी बांध सकती हैं।
रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस बार रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन यानी 30 अगस्त या 31 अगस्त को मनाया जा रहा है।
6 पेड़-पौधों को राखी बांध सकते हैं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर आपका कोई भाई नहीं है तो आप नीम, बरगद, आंवला, केला, शमी और तुलसी को राखी बांध सकती हैं। आंवला, नीम और धान में त्रिदेव यानी ब्रह्मा विष्णु और महेश का वास माना जाता है। इन पेड़ों को राखी बांधने से तीनों देवता बहुत प्रसन्न होते हैं।
वहीं अगर आप तुलसी को राखी बांधते हैं तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपको कभी भी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है। अगर शमी के पौधे को राखी बांधी जाए तो इससे महादेव प्रसन्न होते हैं और आपकी रक्षा का वरदान देते हैं। केले के पेड़ में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है। केले के पेड़ पर राखी बांधने से भगवान विष्णु की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी।
बजरंगबली को राखी बांधी जा सकती है
रक्षाबंधन के दिन बजरंगबली को राखी बांधने से आपकी कुंडली में मौजूद मंगल दोष का नकारात्मक प्रभाव धीरे-धीरे कम हो जाता है। हनुमान जी को राखी बांधने से बुद्धि मिलती है और क्रोध पर नियंत्रण रहता है।
कलश पर बांधे राखी
धार्मिक पुराण कहते हैं कि पूजा के रंग की राखी बांधना बहुत शुभ होता है। कलश के मुख पर भगवान विष्णु का वास है, कलश की गर्दन पर भगवान शिव का वास है और कलश के आधार पर ब्रह्मा का वास है। इसके अलावा कलश के मध्य में मां की शक्तियां विराजमान होती हैं। इसलिए पूजा कलश में राखी बांधने से सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
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