FasTag New Rule : न करें ये गलती! वरना हाईवे पर देना पड़ेगा दोगुना टोल टैक्स


वाहनों पर Fastag ठीक न करने पर जुर्माना: अगर आप अपनी कार से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। हाईवे पर कार में सफर करते समय अगर आपने थोड़ी सी भी लापरवाही दिखाई तो आपकी जेब पर बोझ बढ़ सकता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल प्लाजा पर लागू करों के लिए नए नियम लागू किए हैं। जिसके तहत जिन लोगों ने अपने वाहनों में फास्टैग नहीं लगाया होगा, उन्हें दोगुना टोल टैक्स देना होगा। जिसके लिए एनएचएआई की ओर से गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है.

FasTag New Rule : न करें ये गलती! वरना हाईवे पर देना पड़ेगा दोगुना टोल टैक्स


FasTag New Rule : NHAI ने जारी किया नोटिफिकेशन

लोग जानबूझकर अपनी कारों और अन्य वाहनों की विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाते हैं। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए NHAI ने FASTag के लिए नया नियम लागू कर दिया है. अब जो लोग जानबूझकर विंडस्क्रीन पर फास्टैग नहीं लगाएंगे उनसे ज्यादा टैक्स वसूला जाएगा। इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि विंडस्क्रीन पर फास्टैग न लगे होने के कारण टोल प्लाजा पर बिलिंग में देरी हो रही है। जिससे कतार में खड़े अन्य वाहनों को भी परेशानी होती है. जिसे देखते हुए प्राधिकरण ने इस संबंध में एसओपी जारी कर दी है. जिसमें विंडस्क्रीन पर फास्टैग न लगाने पर दोगुना टैक्स वसूलने का फैसला लिया गया है।

CCTV से होगी निगरानी

एनएचएआई इस नए नियम की जानकारी सभी टोल प्लाजा पर लगाएगी. इससे लापरवाह वाहन चालकों को जानकारी मिल जाएगी और उल्लंघन करने वालों पर दोगुना टोल टैक्स लगाया जाएगा और पंजीकरण संख्या सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से दर्ज की जाएगी, जिससे नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन का रिकॉर्ड बनाए रखने में मदद मिलेगी।

बैंकों ने भी दिए निर्देश

FASTag जारी करने वाले बैंकों को भी नए नियम के बारे में सूचित किया गया है और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि जारी किए गए FASTag को वाहन चालक द्वारा विंडस्क्रीन पर अनिवार्य रूप से चिपकाया जाए। एनएचएआई का उद्देश्य फ्रंट विंडशील्ड के अंदर फास्टैग लगाने और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए अधिसूचना जारी करके नियमों को लागू करना है।

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निजीकरण का उद्देश्य सेवा की गुणवत्ता बढ़ाना, निजी निवेश को आकर्षित करना, सरकारी हस्तक्षेप को कम करना तथा सार्वजनिक परिसंपत्तियों के प्रबंधन में जवाबदेही और पारदर्शिता में सुधार करना है।




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